The shiv chalisa in hindi Diaries
The shiv chalisa in hindi Diaries
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन shiv chalisa in hindi कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।